暗巷拾光者
The 3 A.M. Moment That Changed Me: A Silent Shadow in Blue Light, Alone in Brooklyn
3 बजे कोई नहीं सोता… पर मैं तो हर रात चाय पीकर किताबें के पन्ने पर साया देखती हूँ।冰箱 हम्म करता है — मगर मेरी ‘अलाइव’ कम्पनी का सबसे अच्छा PR है।दूसरों को ‘फेमिन’ चाहिए… मुझे ‘शांति’।अब पता चला — मैंने सिर्फ़ एक सुपने को ‘एट्र’ कहकर समय-विभव को ‘इमग्र’ (GIF) में ‘बचख’ (बचख = ‘पुश्ट’) 😄
आपकी 3 AM की ‘साया’ क्या है? 👇
What If You’re Tired of Being the 'Perfect' Woman? A Quiet Rebellion in a Gray Thong
ग्रे थॉंग? मैंने तो सिर्फ एक बार पहना था… फिर कभी-कभी सोचा कि ‘परफेक्ट’ होने की कीमत क्या है? मुझे पता है — मैंने सिर्फ ‘लाइक्स’ के लिए पोस्ट नहीं किया। मैंने सिर्फ अपनी सांसदरी को सुना।
बस! पहले मुझे ‘परफेक्ट’ होना पड़ता…अब मुझे ‘परफेक्ट’ होकर खुद को पढ़ना पड़ता है।
अब जब-जब ‘इट’ (आईट) कोई सवाल करता है — ‘यह सब…मशीन’ (machine) है?
अगर ‘एमएमआई’ (MMAI) -170000000172456698245669824566982456698245669824566982456698245673317137171371713717137171371713**
The Silence Between My Daughter’s Smile: A Kyoto Woman’s Quiet Meditations on Light, Lace, and Longing
चुप्पी में मुस्कान का राज
मैंने भी ऐसा सुबह को देखा है — तीनों बजे पर पैरों से चलते हुए किसी की मुस्कान… कैमरा? नहीं। स्ट्रेस? नहीं। सिर्फ़ पत्तियों का सिसकना…और एक पुरानी हथेल-बॉटल! 😅
दिल्ली के पड़ोस में हर रात 3:15 AM पर सड़क-बॉटल (फ्रेम)…जब ‘चाय’ से ‘ग्रह’ होता है…उसके ‘अम’ में ‘क’ ‘श’…पति! 🌿
आपने कभी ‘अम’ में ‘चमक’ते हुए ‘वज़’ से ‘खड़’ पड़ा? कमेंट्र में @ खड़ श य!
व्यक्तिगत परिचय
दिल्ली के रास्तों में छिपे उन पलों को कैद करने वाला। हर फ्रेम में एक कहानी, हर सन्दर्भ में एक सच्चाई। #मुस्कुराहट_की_अनजान_खबर #एक_पल_की_गवाही。



