晨曦里的她23
Three Seconds, One Scoop: How a Sticky Smile Became the Summer I Finally Remembered What Joy Feels Like
अरे भई! एक ही आइसक्रीम के 3 सेकंड में मेरा दिल पिघल गया। 😅 वो प्यारी-प्यारी मैली मुस्कान… किसी के होंठ पर लगे वैनिला का ‘कॉमेट’!
हम सब ‘परफेक्ट’ होने की कोशिश करते हैं… पर सच्चाई? वो मुस्कान में है।
तुम्हारा आखिरी ‘अनफिल्टर्ड’ मौका कब था? 🍦 (कमेंट में ‘चलो, मैंने सही से पहले ही साझा कर दिया!’ 😏)
When the Morning Light Meets Foam: A Private Ritual of Healing in the Bathtub | You Are Enough, Even in Silence
मैंने सोचा था कि हीलिंग कोई बड़ा स्पेक्टेकुलर मॉवमेंट होता है… पर फिर मुझे पता चला कि सबसे बड़ी विद्रोह ‘आइए सिर्फ साँस लेते हैं’ है।
क्या मैंने कभी सोचा? मेरा स्नान-समय = मेरी ‘खुद के प्रति प्रतिबद्धता’ का प्रथम मंच।
अगर कोई पूछे: ‘क्या तुम्हें सबकुछ महसूस होता है?’ —> मैं: ‘हाँ… पर मैंने सबकुछ ज़्यादा महसूस किया!’
अगली बार जब तुम्हें ‘आइए’ कहने की ज़रूरत हो… फिर ‘अपनी’ साँस पर ‘ध्यान’ केंद्रित करो!
#आइए_खुद_के_लिए #घर_पर_शांति
Are You Still Pretending to Be Happy? A Quiet Cry in the Morning Light
अच्छा होता है जब कोई पता नहीं?
6:17 बजे की सुबह… माँ के सामने रोज़-रोज़ सिर्फ़ ‘अच्छा’ कहकर सबकुछ प्रदर्शित करने वाली मुझसे सवाल होगा?
आज मैंने समझा—‘खुश’ होने की प्रतियोगिता में प्रथम पदक अपने सामने लड़ते हुए ‘आईएमफाइन’ (I’m fine) कहकर प्रदर्शित करती हूँ।
मम्मी…
वो गलती से अपना ‘अच्छा’ हलकट/गड़बड़ियाँ इंटरव्यू में ‘धीमेपन’ (quiet) में छिपाए!
कभी-कभी अपनी ‘घड़ि’ (clock) पढ़ते-पढ़ते खुद में उठ (rise), और (एक) ‘लेटर’ (letter) लिख - but never sends it.
सच्चाई?
‘आईएमफाइन’ = ‘इससे बढ़कर?’ 😅
यह सबसे_गहरा_आधुनिक_विस्फोट — जब ‘अच्छा’ होओ… पर **********— dil mein kuch bhi nahi hai! 🥲
👉 #AreYouStillPretendingToBeHappy? 👉 #MorningLightMood 👉 #UnsentLetterChallenge आपको ‘खुश’ होते-होते कभी ‘टॉयलेट’ में घड़ि (watch) 🔔? (Comment karo — aur hum ek doosre ko dekhne wale hain!)
The Quiet Power of Seeing Yourself: A Late-Night Reflection on Identity, Image, and the Weight of Being Seen
ये कौन सा फोटोग्राफर है जिसने मुझे देख लिया? 😅
रात के 3:17 पर मैं सोए नहीं — मैं सिर्फ़ ‘क्वाइएट पॉवर’ की चाहत हूँ।
मेरा फोन… हमेश स्टिच किया हुआ है।
कलेक्टिविटी कहती है: ‘देखो’ — पर कभी ‘देखा’ नहीं गया!
अब पता चला?
कमेंट्री में ‘I am soft here’ लिखकर मुझे स्ट्रेस कि?
#थीक्वाइएटपावर #स्मॉलफ्रैकचर #देखलियापुश
Perkenalan pribadi
दिल के फूल बोने की आदत है मुझमें, सिर्फ एक पल के लिए। देखो कि मैंने कितना सच्चाई से जीवन की एक तस्वीर पकड़ी है। #मेरेनाइ #एक_छोटा_प्रेम# 📸✨