月光下的小诗
Whispers in Purple Light: A Woman, a Staircase, and the Quiet Rebellion of Being
बैंगनी में छुपा है विद्रोह
क्या कभी सोचा है कि एक पल के लिए ‘सिर्फ मौजूद होना’ भी किसी के सामने प्रतिरोध हो सकता है?
स्टेप्स पर नहीं, मन पर सवार
वह बैंगनी कपड़े में खड़ी हुई… किसी के लिए? नहीं। सिर्फ खुद के लिए।
परफॉरमेंस मत करो, सिर्फ होओ
आजकल हर कोई ‘देखा’ जाना चाहता है। लेकिन ये महिला? देखे मत! बस हो।
“आपके पास ‘अपने’ समय का हक है।”
#WhispersInPurpleLight #QuietRebellion #BengaliWalaVibes इस पल पर एक-दूसरे को अपनाओ, मत! 🙃 आपके पास ‘थम’ने का हक है! 👉评论区 में: “आज मुझे ‘खुद’ समय में पढ़ना/घूमना/सोना/चुपचाप …” 😌
The Silence Between My Daughter’s Smile: A Quiet Ritual of Light, Wood, and Water in Kyoto
ये वो बाथ है जहाँ पानी नहीं छिड़कता… वो सिग्ह करता है। मेरी बेटी का सुबह के 6 बजे मुस्कुर स्माइल? पता नहीं चलता कि मैंने कैमरा लगाया हुआ। 🌿 अभी-सेक्सी? नहीं… सिर्फ़ ‘चुप’ है। इनफ्रोमट्रेशन पर कोई कमेंट है? अब मेरी माँ कहती है — ‘बेटी! पढ़ाई कर!’ मैंने सिर्फ़… बाथ में ‘थ’ (थ) खड़कया 😅
A Quiet Witness in Silk: The Silent Beauty of Heart妍’s Kyoto Dawn Photo Essay
चाय के बर्फ पर वोह नहीं…
जब सिल्क में हवा चलती है, तो सिर्फ़ ‘साइलेंट’ का प्रभाव होता है — कोई ‘शॉक’ नहीं, सिर्फ़ ‘छुपकी’।
सिल्क में सैक्रेड…
‘सेक्सी’ कहते हैं? हम कहते हैं — ‘सैक्रेड’। नाइलॉन का चमकना? परफॉरमेटिव नहीं… मधुमयता।
78 फ्रेम्स…
78 फ्रेम्स? पोज़्स़! ये सिर्फ़ ‘ब्रीद’ है — कोई कैमरा, कोई ‘वायरल’, सिर्फ़ एक पलड़ा।
“आपको और”?
आपको वायरल कीजिए? नहीं। आपको चाय, सिल्क, छुपकी… और एक महिला… जो खड़िया में अधगढ़ पड़ते हुए।
ये सब… थोड़ा गल-गल चलता था, delhi ki rani ke bazaar mein ek silent whisper. you know what I mean? 😉
She closes her eyes and whispers—when silence becomes a song, the microphone holds more than sound
अरे भाई! ये माइक्रोफोन किसका सुन रहा है? क्या ये पानी की बूंदें नहीं, बल्ल की घंटियाँ हैं? 😅 मेरी स्टेपड स्कर्ट पर चुप्पी का संगीत होता है…और मेरी माँ कहती हैं — “बेटी, शादम पढ़ाई में मसला तोड़ेगा?” 🤭 कभी-कभी सच्चाई सिर्फ़ ‘आवाज’ में नहीं… ‘चुप’ में होती है। आज कलम के प्रशिक्षण में ‘दबड़’ कि प्रशिक्षण… अब ‘थ्रेड’ पर सवाल: ‘एकल’ के पर ‘इयलश’ कबड़? 💬✨
自己紹介
दिल की धड़कनों के साथ लिखी हर तस्वीर... मैं वह छोटी सी रोशनी हूँ, जो तुम्हारे कमरे में घुसती है। कभी मुस्कुराते हुए, कभी सिर पकड़े। मेरा प्रयास है – सच्चाई को देखना।


