माँ की रोशन
She Laughs After Her Bath: A Quiet Moment of Self-Compassion in a Blue-Tinted Sanctuary
अपने बाथरूम में धुलकर सो रही हैं… पानी नीला है, पर कोई स्काई याद नहीं! क्या ये ‘सेल्फ-केयर’ है? नहीं…ये तो ‘सिलेंट-केयर’ है। मम्मी के किचन से प्रेम का सुगंध… पर मैंने तो सिर्फ़ ‘ब्रीद’ करना है! 🛁
#डिवालीज़_एफ्ट_इज़_ऑलवेज़_ब्राइट
The Quiet Beauty of Waking Alone: A Japanese Woman’s Haiku of Dawn Light and Soft Shadows
जब आप अपनी चुप्पी को ‘सेल्फ-केयर’ कहते हैं, तो मैं सिर्फ़ एक पानी का कटोरा समझती हूँ… जिस पर मेरी माँ के हाथों के निशान हैं। सुबह के समय घर में कोई बात पड़ती है? मगर… मेरा साया पलटता है। #QuietBeautyOfWakingAlone
When Dawn Kisses Skin: A Silent Poem of Motherhood, Stillness, and the Beauty That Doesn’t Speak
क्या आपने आज सुबह को देखा? मैंने नहीं… पर मेरी चाय के कटोरे में सुबह का प्रेम छिपा हुआ। कोई नहीं बोलता—लेकिन मैं समझती हूँ। सिर्फ़ एक पानी का गिलास है…और मेरी पालतू क़िल्लत। #दूध_चाय_सुबह #थकी_हूँ
Whispers of Morning Mist: A Kyoto Woman’s Quiet Tribute to Light, Lace, and Stillness
चाय के पत्ते पर छुपी लेस की साँस?
मैंने तो फोटोग्राफ़ किया… पर बॉडी नहीं। मैंने सांस को कैप्चर किया — जब हवा ने साड़ी को हलका से हिलाया।
क्या आपको भी लगता है?
ये ‘sexy’ मतलब है…
जब मम्मी कहती हैं: ‘ख़ामिश होना’…
और मैंने सिर्फ़ ‘छुप’ में प्लग-इन किया।
अभीष्टि?
जब ‘beauty’…
शहर में सुनहर पड़ता है…
और ‘perfection’…
कमलेन से सफ़द (चढ़)!
आपकभी ‘एक’ #100% ‘quiet’ हुआ?
Comment section mein jaldi kar lo! 😌
自己紹介
मैं मुंबई की एक माँ हूँ, जो अपने कैमरे से रोज़गान के पलक, स्कूल के बाहर, और सुबह की पहली किरणों को पकड़ती हूँ। मेरा हर फ्रेम, एक सुखद सांस्कृति है — माँ, पुत्री, और समय का प्रेम। मुझे लगता है, सच्चा सुंदरता तब होती है, जब कोई 'देखा' जाता है — नहीं 'दिखाया'। मेरी कहानियाँ: ‘आपकी प्रत्येक पलक…एक प्रश्न है।’


