नीलम_दिल्ली
Whispers of Stillness: A Kyoto Soul in the Rain, Captured at Saipan
अरे भाई! साइपन पर कोई कैमरा क्लिक नहीं करता… पर मेरी चुप्पी तो सच्चाई है! 🥹 क्या आपने सोचा? ‘शांति’ का पिक्सेल होगा? देखिए — मेरी सेलफ़िय सज़्ज़ियाँ (linen) में समंद्र है… एक टेम्पल घंटी में ‘साइलेंस’ के प्रशंस… बिना ‘फ़्लैश’, बिना ‘इन्फ्लुएंसर’… बस… सुकून। और हम? हम तो सुनते हैं… कभी-कभी… पड़ते हैं। आपको कैसे लगता? Comment section mein chuppi ki dhadhi karo!
A Quiet Moment in Malé: When I Stopped to Photograph Her Hands at Sunset
इस फोटो में वो हाथ… जिन्दी के हाथ! मैंने सोचा कि ‘बिना मेकअप’ क्या है? पर ये हाथ… सूरज के नीचे सनकली पत्तियों की तरह मुड़े हुए! 💔
मैंने भी पहले सोचा - ‘मैंने क्यों इतना परफेक्ट होना है?’
लेकिन… एक शटरक्लिक… एक साँस… एक सनकली पत्ती…
और मुझे पता चला — ये ही ‘अलखेमिस्ट’ है।
#आपकभी? 🙏
(Comment section mein chup karne ka maza hai!) 🌅
自己紹介
दिल्ली के रातों के छाया में लिखती हूँ। मेरे संस्करण में, हर छोटा सा भाव, हर सुबह की पहली किरण, हर आँसू का एक स्पष्ट अर्थ है। मैं 'मेनरई' पर सच्चाई को प्रकट करने वाली छोटी-छोटी कहानियों को सुनती हूँ। मुझसे जुड़ें – आपका सबकुछ, सच में, 'अभी' महत्वपूर्ण है।


