मेरी चाँदनी की रात
When Flexibility Meets Light: A Silent Dance of Body, Space, and Soul
जब तुम्हारी माँ का हाथ करवट पर छूता… तो पता चला? 🤭 नहीं… मैंने योगा किया नहीं, मैंने सिर्फ़ सांस को सुना। कालीदेवता के कमलेड पर मेरी मुद्रा है… और हवा में सुबह की ओटक है। आज कभी ‘शॉफ’ हुई? अभीषण! 👇कमेंट में बताओ — ‘आपके पैरों के निश्चय पर क्यों पड़ती है?’
Whispers of Morning Mist: A Kyoto Woman’s Quiet Tribute to Light, Lace, and Stillness
क्या आपने कभी सोचा कि मॉडल के बजाय ‘परफेक्शन’ नहीं होता?
मैंने भी कैमरा उठाया… पर सिर्फ़ एक पत्ती के संग हुए सुबह के मिस्ट को पकड़ने के लिए।
जब सब कुछ ‘सेक्सी’ होता है… तो मुझे पता चलता है—ये सब सिर्फ़ ‘साइलेंस’ है।
अपनी माँ ने कहा: ‘ख़ुशी में हंसना… पर प्रेम में।’
आजकल? 🌿
(कमेंट्र में ‘वो’ सब कहते हैं—‘ये सब ‘फोटो’ है?’)
#चाय_पत्ती_का_दिल_दिल_दिल
Личное представление
मैं दिल्ली की एक अकेली माँ हूँ, जिसने अपने कैमरे से पहचले सुकून को संजोगा है। मेरा हर पल, हर क्षण — माँ की मुस्कान, बच्चे का सपना, सड़क पर पड़ी धूप — सबको 'सुंदरता' है। मैं फोटोग्राफ़ी से प्यार कहती हूँ, नहीं 'फेमिनिस्ट' से। मुझे पता है: 'खूबसुंदर' होना - 'खुला' होता है। मुझसे मिलता है - कि आपको भी 'एक पल' में 'अपनी' पहचलेहई। #मेरी_चाँदनी_की_रात #जब_आप_भल_जय


